Project Arrow is an initiative to
transform India Post into a vibrant and responsive organization and to make a
visible and positive difference in postal operations to benefit the
customers. It has been launched with
objective of modernizing the post and makes visible, tangible and noteworthy
differences in the post office operations that matter to “Aam Aadmi”.
In specific terms, Project Arrow
entails comprehensive improvement of the core operations of the Post Offices as
well as the ambiance in which postal transactions are undertaken. Enhancing the quality of services in ‘core
areas’ envisages focus on Mail Delivery, Remittances, Savings Bank and Office
service Levels. This is helping the
Department of Posts to emerge as a one-stop shop for retail products and offer
a single window facility for banking, money remittances and other financial
products and services including social and civic initiatives. At present Monitoring of performance ‘Core
Operations’ is done in 15,584 Post Offices and ‘Look & Feel’ has been
improved in 1,843 Post offices.
Project Arrow will benefits Customers through - Direct communication with the outside world and development benefits in
rural areas; Simpler and faster Money transactions
through instant money order; ‘Local Citizens’ Forums’ formed who decide the
performance norms for the respective post offices; Online public grievance
handling and Monitoring through Video Conferences ensured sustainability and
higher performance.
The Project Arrow experience is a
working model for ushering in an integrated and lasting improvement in the
postal system and awarded with “Prime ministers’ award for Excellence in Public
Administration for 2008-2009” in 2010.
In the future it is proposed to include 3,000
more computerized post offices for monitoring of ‘Core Operations’ under
Project Arrow Phase-VI during 2012-13 and later complete all 24,000
computerized Post offices during 12th Plan.
‘Look & Feel’ activity
is proposed to be undertaken in 400 more Post offices during the financial year
2012-13 and expand in 2,500 post offices during 12th Plan in
addition to existing 1843 post offices.
(PIB Features.)
प्रोजेक्ट
एरो भारतीय
डाक को सजीव
और
प्रतिक्रियाशील
संगठन के रूप
में
परिवर्तित
करने तथा ग्राहकों
के लाभार्थ डाक
कार्य-प्रणालियों
में स्पष्ट और
सकारात्मक
बदलाव लाने की
दशा में की गई
पहल है। डाक
का आधुनिकीकरण
करने और ''आम
आदमी'' से
संबद्ध डाक
कार्यालयों
की कार्य
प्रणालियों
में स्पष्ट,
वास्तविक और
उल्लेखनीय
बदलाव लाने के
उद्देश्य के
साथ ये
परियोजना शुरू
की गई है।
विशिष्ट
संदर्भों में प्रोजेक्ट
एरो, डाकघरों
के महत्वपूर्ण
कार्यों और
डाक संबंधी
लेन-देन वाले
माहौल में व्यापक
सुधार से
संबंधित है। महत्वपूर्ण
क्षेत्रों
में सेवा की
गुणवत्ता
बढ़ाते हुए
डाक पहुंचाने,
विप्रेषण, बचत
बैंक और
कार्यालय
सेवा स्तरों
पर विचार किया
गया है। ये डाक
विभाग को
खुदरा उत्पादों
के लिए ''वन-स्टॉप
शॉप'' के रूप
में उभरने और
बैंकिंग, धन
विप्रेषण और सामाजिक
तथा नागरिक
पहल सहित अन्य
वित्तीय उत्पाद
और सेवाएं एक
ही स्थान पर
उपलब्ध
कराने में
सहायक साबित
हो रही है।
वर्तमान में 15,584
डाकघरों में ''महत्वपूर्ण
कार्य
प्रणालियों''
के काम-काज की निगरानी
की गई है और 1,843
डाकघरों में
''लुक एण्ड
फील'' में
सुधार लाया
गया है।
प्रोजेक्ट
एरो में ग्राहक
बाहरी दुनिया
से सीधे
संपर्क के
माध्यम से लाभ
और ग्रामीण
क्षेत्रों को विकास
का लाभ, तत्काल
धनादेश के
माध्यम से
आसान और तेजी
से धन का
लेन-देन, डाकघरों
के काम-काज के
नियम
निर्धारित
करने के लिए ''लोकल
सिटीजंस
फोरम्स'' का
गठन, वीडिया
कॉंफ्रेंस के
माध्यम से ऑनलाइन
सार्वजनिक
शिकायत
प्रबंधन और
निगरानी से
निरंतरता और
श्रेष्ठ
प्रबंधन
सुनिश्चित
किया गया है।
डाक
प्रणाली में
एकीकृत और स्थायी
सुधार लाने के
लिए प्रोजेक्ट
एरो कार्य
प्रणाली का एक
मॉडल है और
उसे वर्ष 2008-09 तथा
2010 में
सार्वजनिक
प्रशासन में
उत्कृष्टता
के लिए
प्रधानमंत्री
के पुरस्कार
से नवाजा गया
है।
भविष्य
में वर्ष 2012-13 के
दौरान, प्रोजेक्ट
एरो के
चरण-छह के
अधीन ''महत्वपूर्ण
कार्य
प्रणालियों''
की निगरानी के
लिए तीन हजार
और कम्पयूटरीकृत
डाकघरों को
शामिल करने तथा
बाद में 12वीं
योजना के
दौरान सभी 24
हजार डाकघरों
का कम्पयूटरीकरण
पूरा करने की
पेशकश की गई
है।
''लुक
एण्ड फील''
गतिविधि वित्त
वर्ष 2012-13 के
दौरान 400 और
डाकघरों में
लागू किये
जाने और वर्तमान
1,843 डाकघरों के
अलावा 12वीं
योजना के
दौरान 2,500 डाकघरों
में इसका विस्तार
किये जाने की
पेशकश की गई
है।
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